इटावा: वैदपुरा अंबेडकर पार्क में ABSS के तत्वाधान क्रांतिकारी बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा जी की जयंती के अवसर पर बहुजनों का शैक्षिक एवं सामाजिक उन्नयन: वर्तमान एवं भविष्य विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता नेत्रपाल शाक्य ने की कार्यशाला में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एमपी सिंह ने कहा कि बहुजन महापुरुषों के संघर्ष एवं बलिदान विशेषतया बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के संघर्ष एवं बलिदान की बदौलत देश के वंचितों एवं महिलाओं को शिक्षा रोजी रोजगार सम्मान संवैधानिक प्रदत्त अधिकारों से प्राप्त हुए, फलस्वरुप इनका आंशिक विकास हुआ उसी से व्यथित होकर विरोधी मानसिकता के लोग बाबा साहब के संघर्ष से प्राप्त शिक्षा को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छीनना चाहते हैं और रोजगार को निजीकरण, संविदा भर्ती प्रक्रिया, आउटसोर्सिंग भर्ती प्रक्रिया व लैटरल भर्ती प्रक्रिया के द्वारा छीनना चाहते हैं । निष्प्रभावी बनाना चाहते हैं। हद पार यहां हो जाती है कि एक राष्ट्रीय प्रणाली के तहत बनाए गए संविधान को बदलने के लिए चंद लोग एक नया मनुस्मृति एवं सनातन पर आधारित अमानवीय विधान तैयार कर अखबारों में सूचना देते हैं और धर्म संसद बुलाकर एक विवादास्पद नए मुद्दे को जन्म देते हैं जो देश के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो सकता है गैर बराबरी पर आधारित कोई भी सिस्टम देश के बहुजनों को स्वीकार नहीं होगा तो एक नई क्रांति जन्म लेगी, जो देश को गृह युद्ध की तरफ ले जाएगी।
यदि सरकार की मंशा संविधान बदलने की नहीं है और संविधान के अनुरूप कार्य करने की है तो सरकार संविधान विरोधी कार्य करने वाले लोगों के विरुद्ध राष्ट्रद्रोह की कार्रवाई करे । अन्यथा यह समझा जाएगा कि यह सरकार के ही लोग हैं जो आए दिन संविधान बदलने का स्टेटमेंट देकर विवाद पैदा करते हैं और कहा कि देश के बहुजनों को अपनी पीढ़ियों का भविष्य बचाना है तो वह अपने पराए की पहचान कर एकजुट एकराय होकर एकमत हो जिससे शाहू फूले अंबेडकरी विचार का शासक बनाया जा सके।

कार्यशाला में प्रोफेसर ओपी सिंह, उच्च न्यायालय के एडवोकेट राज बहादुर सिंह, कविता सिंह, ममता बौद्ध, अधीक्षण अभियंता नरेश चंद्र, शिवराम सिंह, राज नारायण बौद्ध, सौरभ कुमार, चंद्र मोहन यादव, राज किशोर सविता, अनिल चौधरी, आजाद बंधु आदि वक्ताओं ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बहुजन समाज को अपना जाति उपजाति आधारित बिखराव समाप्त कर एकता एवं भाईचारा स्थापित करने की आवश्यकता है अन्यथा की स्थिति में षड्यंत्रकारी लोग शिक्षा रोजी रोजगार का हक अधिकार छीनकर देश के वंचित समाज को बेघर कर देंगे और गुलाम बना लेंगे।
अंत में अध्यक्षता कर रहे नेत्रपाल शाक्य ने समाज का आह्वान किया कि यदि आप अपने महापुरुषों के संघर्ष को जिंदा रखना चाहते हैं तो अंधविश्वास छोड़कर तर्कशील वैज्ञानिक विचारधारा को अपनाए और अपने बच्चों को पढ़ाए।
सामाजिक उत्थान के लिए छोटे-छोटे लघु उद्योग धंधे भी घर परिवार व समाज में विकसित करें। कार्यक्रम का संचालन संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम सिंह अंबेडकर एवं कोऑर्डिनेटर पूरन सिंह ने संयुक्त रूप से किया।