इटावा संवाद:- सरकार ने गुरुजी को परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को पढ़ाने का जिम्मा दिया था, निपुण अभियान की बागडोर सौंपी गई थी। छात्रों को निपुण बनाना था, चार से पांच शब्द सिखाने थे, 99 तक की संख्याओं का जोड़ घटाना सिखाना था, पर अफसोस की बात यह रही कई स्थानों पर गुरुजी यह नहीं सिखा पाए।
परिषदीय विद्यालय में छात्रों को पढ़ाते CDO अजय कुमार गौतम
विभाग के साहब भी मौके की ताख में बैठे थे और झट से उन्हें रिवर्ट (वापस) कर दिया। अब गुरुजी माथा पकड़े बैठे थे। उनके भी बड़े साहब ने जब गुरुजी का यह हाल देखा तो हाल ही में एक विद्यालय में पहुंच गए और ब्लैक बोर्ड को देखकर चाक उठा ली और लगे छात्रों को पढ़ाने। कक्षा पांच के छात्रों को हिंदी के साथ गणित में भी निपुण बनाने का अभ्यास करा डाला। छात्रों को व्याकरण समझायी और हिंदी के शब्दों का शुद्ध उच्चारण भी समझाया। अब वो बात दीगर है कि छात्र कितना समझे या नहीं, यह अलग बात है। परंतु साहब ने निपुण बनाने में कोई कसर अपनी ओर से बाकी नहीं रखी।