इटावा संवाद: थाना क्षेत्र के नगला राधे में मिट्टी की दीवाल ढहने से मलबे मे राजमिस्त्री की दबकर मौत, पोस्टमार्टम के बाद शव पहुंचा घर, परिजनों में मचा कोहराम।
भरथना थाना क्षेत्र के नगला राधे में बुधवार को मानसिंह के 32 वर्षीय पुत्र गिरेंद्र सिंह गांव के सुखबीर सिंह के घर दीवाल की नीव भरने का काम कर रहा था। देरशाम को मिट्टी की दीवाल ढहने से मलबा राजमिस्त्री के ऊपर गिर गयी। जिसमे दबकर मौत हो गयी।गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे पोस्टमार्टम के बाद राजमिस्त्री का शव घर जैसा ही पहुंचा , परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी शिवानी देवी व अबोध दो बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल है।नगला राधे में मिट्टी की दीवाल ढहने से मलबे मे राजमिस्त्री की दबकर मौत, पोस्टमार्टम के बाद शव पहुंचा घर, परिजनों में मचा कोहराम भरथना थाना क्षेत्र के नगला राधे में बुधवार को मानसिंह के 32 वर्षीय पुत्र गिरेंद्र सिंह गांव के सुखबीर सिंह के घर दीवाल की नीव भरने का काम कर रहा था। देरशाम को मिट्टी की दीवाल ढहने से मलबा राजमिस्त्री के ऊपर गिर गयी। जिसमे दबकर मौत हो गयी।गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे पोस्टमार्टम के बाद राजमिस्त्री का शव घर जैसा ही पहुंचा , परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी शिवानी देवी व अबोध दो बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल है।
भरथना थाना क्षेत्र के नगला राधे में बुधवार को मानसिंह के 32 वर्षीय पुत्र गिरेंद्र सिंह गांव के सुखबीर सिंह के घर दीवाल की नीव भरने का काम कर रहा था। देरशाम को मिट्टी की दीवाल ढहने से मलबा राजमिस्त्री के ऊपर गिर गयी। जिसमे दबकर मौत हो गयी।गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे पोस्टमार्टम के बाद राजमिस्त्री का शव घर जैसा ही पहुंचा , परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी शिवानी देवी व अबोध दो बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल है।नगला राधे में मिट्टी की दीवाल ढहने से मलबे मे राजमिस्त्री की दबकर मौत, पोस्टमार्टम के बाद शव पहुंचा घर, परिजनों में मचा कोहराम भरथना थाना क्षेत्र के नगला राधे में बुधवार को मानसिंह के 32 वर्षीय पुत्र गिरेंद्र सिंह गांव के सुखबीर सिंह के घर दीवाल की नीव भरने का काम कर रहा था। देरशाम को मिट्टी की दीवाल ढहने से मलबा राजमिस्त्री के ऊपर गिर गयी। जिसमे दबकर मौत हो गयी।गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे पोस्टमार्टम के बाद राजमिस्त्री का शव घर जैसा ही पहुंचा , परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी शिवानी देवी व अबोध दो बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल है।