भाजपा-सपा में हो सकता है कांटे का संघर्ष

इटावा संवाद: एशिया के पहले ब्लॉक कहे जाने वाले महेवा की ब्लॉक प्रमुख के पति जितेंद्र दोहरे को सपा द्वारा इटावा लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद भाजपा से सीधी लड़ाई के कयास लगाए जाने लगे हैं। बसपा से अभी तक प्रत्याशी न आने से भी राजनैतिक पंडित चुनावी समर में सपा व भाजपा के बीच सीधी लड़ाई देख रहे हैं।

सपा-भाजपा में कांटे का संघर्ष

महेवा ब्लॉक के वोटर हो सकते है निर्णायक-महेवा। चूंकि जनपद में सबसे बड़े ब्लॉक का दर्जा रखने वाले महेवा ब्लॉक में सर्वाधिक संख्या अनुसूचित वर्ग की है वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा प्रत्याशी राघवेंद्र गौतम ने महेवा ब्लॉक से बढ़त पाई थी तथा उन्हें सपा का बेस वोट बैंक मिलने के साथ-साथ बसपाई होने का लाभ पूरी विधान सभा मे मिला था। इसी पैटर्न पर सपा प्रत्याशी श्री दोहरे भी करीब 15 वर्षों तक बसपा से जुड़े रहे व जिला महामंत्री तथा जिलाध्यक्ष भी रहे इतना ही नही पूरे लोकसभा क्षेत्र में दोहरे व जाटव समाज के वोट की संख्या अकेले चार लाख के करीब है तथा सपा का परंपरागत वोट बैंक यादव मुस्लिम भी यदि एकजुट हो गया तो भाजपा प्रत्याशी की कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे ।इटावा संवाद। एशिया के पहले ब्लॉक कहे जाने वाले महेवा की ब्लॉक प्रमुख के पति जितेंद्र दोहरे को सपा द्वारा इटावा लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद भाजपा से सीधी लड़ाई के कयास लगाए जाने लगे हैं। बसपा से अभी तक प्रत्याशी न आने से भी राजनैतिक पंडित चुनावी समर में सपा व भाजपा के बीच सीधी लड़ाई देख रहे हैं। जहां एक ओर सपा ने अपने भरथना से वर्तमान विधायक राघवेंद्र गौतम पूर्व विधायक मदन गौतम, सर्वेश गौतम, पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया, पूर्व प्रत्याशी रहे कमलेश कठेरिया, शम्भूदयाल दोहरे, अजयपाल जाटव आदि की किनारे कर युवा व बसपा पृष्ठभूमि से आये मह वा ब्लॉक के पतिनिधि जितेंद्र दोहरे पर दांव लगाया है जो कि सपा के रणनीतिकारों की कोई न कोई सूझबूझ रही होगी। महेवा ब्लॉक के वोटर हो सकते है निर्णायक-महेवा। चूंकि जनपद में सबसे बड़े ब्लॉक का दर्जा रखने वाले महेवा ब्लॉक में सर्वाधिक संख्या अनुसूचित वर्ग की है वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा प्रत्याशी राघवेंद्र गौतम ने महेवा ब्लॉक से बढ़त पाई थी तथा उन्हें सपा का बेस वोट बैंक मिलने के साथ-साथ बसपाई होने का लाभ पूरी विधान सभा मे मिला था। इसी पैटर्न पर सपा प्रत्याशी श्री दोहरे भी करीब 15 वर्षों तक बसपा से जुड़े रहे व जिला महामंत्री तथा जिलाध्यक्ष भी रहे इतना ही नही पूरे लोकसभा क्षेत्र में दोहरे व जाटव समाज के वोट की संख्या अकेले चार लाख के करीब है तथा सपा का परंपरागत वोट बैंक यादव मुस्लिम भी यदि एकजुट हो गया तो भाजपा प्रत्याशी की कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे ।

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