राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का सात दिवसीय शिविर का आयोजन

इटावा संवाद: जनता कॉलेज, बकेवर, इटावा में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का शुक्रवार को सात दिवसीय विशेष शिविर नगर पंचायत, बकेवर के हाल में शुभारंभ किया गया। विशेष शिविर के उद्घाटन सत्र में पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए मुख्य अतिथियों के द्वारा पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण करने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत तथा स्वागत गीत के प्रस्तुतीकरण के साथ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजेश किशोर त्रिपाठी ने परोपकार एवं मानवता स्थापित करने वाले विचारों को साझा किया तथा कविता की पंक्तियों नदी न पीवें अपना जल, वृक्ष न खावें अपना फल के माध्यम से परोपकार की परिभाषा तथा समान भाव से कार्य सेवा करने के लिए मानवता पर बात रखी।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष विवेक यादव ने सेवा भाव के साथ शिक्षा तथा शिक्षा से समाज में जागरूकता के समर्पण तथा आत्मसार के लिए जन-जन को जागरूक करना ही सेवा योजना का ही प्रतिरूप है।उन्होंने कहा कि सेवा से ही आप प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं।उन्होंने कहा कि सेवा से ही आप प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं।

राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का संचाल ङाॅ. मनोज कुमार यादव

कार्यक्रम में वक्ता के रूप में कृषि वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार ने स्वयं सजे वसुंधरा संवार ले वाक्य को परिभाषित करते हुए ज्ञान कौशल और संचार पर उद्बोधन दिया। मुख्य वक्ता डॉ एमपी यादव ने कहां की राष्ट्रीय सेवा योजना में युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए एक शुभ अवसर है जिसमें स्वैच्छिक समुदाय सेवा के माध्यम से युवा छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास के प्राथमिक उद्देश्य है। उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय सेवा योजना के सदस्य श्री गोपीनाथ मौर्या ने राष्ट्रीय सेवा योजना के मूल ध्येय वाक्य स्वयं से पहले आप से अपने विचार को आरंभ करते हुए जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गिरीयशी के अंतर्गत राष्ट्र को सभी से श्रेष्ठ संबोधित किया और राष्ट्रीयता को स्थापित करने के लिए व्यक्ति को जाति, धर्म, क्षेत्रवाद व्यक्तिवाद,से ऊपर उठकर एक राष्ट्र उन्नत राष्ट्र की कामना की जानी चाहिए, ताकि प्रत्येक मानव को अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति संभव हो सके। भारतीय संस्कृति के अंतर्गत संपूर्ण विश्व को एक परिवार मानकर सभी के कल्याण हेतु कार्य किया जाता है श्री मौर्या ने सेवा शब्द को परिभाषित करते हुए कहा कि सेवा हृदय की वह निर्मल भावना है जो स्वत जागृत होती है उसे किसी दबाव या नियम बनाकर किसी व्यक्ति से नहीं कराया जा सकता यह तो प्रकृति प्रदत्त भाव है जो दूसरों कष्ट अथवा दुख में देखकर निर्मल हृदय में स्वत प्रकट हो जाता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना, विभिन्न क्रियाकलापों एवं जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से आपातकालीन परिस्थितियों में राष्ट्र की सेवा के लिए पूर्ण समर्पित स्वयंसेवक एवं स्वयं सेविकाओं को तैयार करने का कार्य करता है।कार्यक्रम में वक्ता के रूप में कृषि वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार ने स्वयं सजे वसुंधरा संवार ले वाक्य को परिभाषित करते हुए ज्ञान कौशल और संचार पर उद्बोधन दिया। मुख्य वक्ता डॉ एमपी यादव ने कहां की राष्ट्रीय सेवा योजना में युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए एक शुभ अवसर है जिसमें स्वैच्छिक समुदाय सेवा के माध्यम से युवा छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास के प्राथमिक उद्देश्य है। उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय सेवा योजना के सदस्य श्री गोपीनाथ मौर्या ने राष्ट्रीय सेवा योजना के मूल ध्येय वाक्य स्वयं से पहले आप से अपने विचार को आरंभ करते हुए जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गिरीयशी के अंतर्गत राष्ट्र को सभी से श्रेष्ठ संबोधित किया और राष्ट्रीयता को स्थापित करने के लिए व्यक्ति को जाति, धर्म, क्षेत्रवाद व्यक्तिवाद,से ऊपर उठकर एक राष्ट्र उन्नत राष्ट्र की कामना की जानी चाहिए, ताकि प्रत्येक मानव को अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति संभव हो सके। भारतीय संस्कृति के अंतर्गत संपूर्ण विश्व को एक परिवार मानकर सभी के कल्याण हेतु कार्य किया जाता है श्री मौर्या ने सेवा शब्द को परिभाषित करते हुए कहा कि सेवा हृदय की वह निर्मल भावना है जो स्वत जागृत होती है उसे किसी दबाव या नियम बनाकर किसी व्यक्ति से नहीं कराया जा सकता यह तो प्रकृति प्रदत्त भाव है जो दूसरों कष्ट अथवा दुख में देखकर निर्मल हृदय में स्वत प्रकट हो जाता है। राष्ट्रीय सेवा योजना, विभिन्न क्रियाकलापों एवं जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से आपातकालीन परिस्थितियों में राष्ट्र की सेवा के लिए पूर्ण समर्पित स्वयंसेवक एवं स्वयं सेविकाओं को तैयार करने का कार्य करता है।


    राष्ट्रीय सेवा योजना की इस विशेष शिविर के अंतर्गत स्वयं सेवकों एवं स्वयं सेविकाओं में समूह भावना, मिलजुलकर कठिन विषयों का समाधान निकालने तथा शिक्षा के महत्वपूर्ण विचारो को समाज में प्रसारित करने का एक सशक्त माध्यम है । राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ मनोज यादव ने विशेष शिविर के सातों दिन की प्रस्तावना को प्रस्तुत किया तथा राष्ट्रीय सेवा योजना से राष्ट्र सेवा, समाज सेवा शिक्षा के साथ हो ऐसी परिकल्पना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना आदर्श वाक्य नाट मी बट यू को परिभाषित किया तथा राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना से लेकर आज तक के विकास को तथा उसके संगठन के विस्तार को बताया। द्वितीय तकनीकी सत्र में डिजिटल इंडिया उसके लाभ एवं दुष्परिणाम पर विस्तार से चर्चा की गई। मनोज तिवारी पत्रकार दैनिक जागरण मनोज तिवारी ने सोशल मीडिया के प्रचार प्रसार पर गलत और सही संदेशों को जानने एवं उस पर विश्वास करने वह उसकी सत्ता को जानने के लिए मीडिया के टिप्स को साझा किया और कहा कि जैसे कोई विवाद होता है तो वह उस व्यक्ति से होता है ना कि उसकी जाति से होता है। लेकिन ऐसे भ्रामक तत्व सामने मिलते हैं और लोग उन पर गलत रिएक्ट करने लगते हैं। अमर उजाला के पत्रकार गोपाल त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से सेवा भाव विकसित तथा सेवा शिक्षा छात्र जीवन में अनुशासन उत्पन्न करता है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता, जिला उद्यान अधिकारी, इटावा श्याम सिंह ने सात दिवसीय विशेष शिविर में स्वच्छता सेवा का मूल मंत्र आदरणीय प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत के उद्देश्य से लोगों को जागरुक कर रहे हैं उन्होंने उद्यान की के लाभ एवं उसकी विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। कार्यक्रम में अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत, बकेवर, कॉलेज के प्राध्यापक डॉ ललित गुप्ता, डॉ ज्योति भदौरिया, डॉ संजीव कुमार, आकाश चौधरी, शैलेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, राजकुमार वर्मा, स्वयंसेवक अंशुल कुमार, अंशुल पाठक, शिवम यादव, शिवम गौतम, अर्पित कुमार, कोमल ,रति आदि सहित 50 स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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